अध्याय ८ शलोक २०
अध्याय ८ शलोक २० The Gita – Chapter 8 – Shloka 20 Shloka 20 उस अव्यक्त्त से भी अति परे दूसरा अर्थात् विलक्षण जो सनातन अव्यक्त्त भाव है, वह परम दिव्य पुरुष सब भूतों के नष्ट होने पर भी नष्ट नहीं होता ।। २० ।। O Arjuna, one should always remember that there is a path […]