अध्याय ९

अध्याय ९ शलोक ४

अध्याय ९  शलोक ४ The Gita – Chapter 9 – Shloka 4 Shloka 4  मुझ निराकार परमात्मा से यह सब जगत् जल से बरफ सदृश परिपूर्ण है और सब भूत मेरे अन्तर्गत संकल्प के आधार स्थित हैं, किंतु वास्तव में मैं उनमें स्थित नहीं हूँ ।। ४ ।। I am present in all of the universe […]

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अध्याय ९ शलोक ३

अध्याय ९  शलोक ३ The Gita – Chapter 9 – Shloka 3 Shloka 3  हे परंतप ! इस उपर्युक्त्त धर्म में श्रद्बारहित पुरुष मुझको न प्राप्त होकर मृत्यु रूप संसार चक्र में भ्रमण करते रहते हैं ।। ३ ।। Arjuna, those people who do not have faith in these principles and in this secret knowledge do

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अध्याय ९ शलोक २

अध्याय ९  शलोक २ The Gita – Chapter 9 – Shloka 2 Shloka 2  यह विज्ञान सहित ज्ञान सब विद्याओं का राजा, सब गोपनियों का राजा, अति पवित्र, अति उत्तम, प्रत्यक्ष फल वाला, धर्मयुक्त्त, साधन करने में बड़ा सुगम और अविनाशी है ।। २ ।। This Gyan is the most significant secret knowledge in the universe,

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अध्याय ९  शलोक १

अध्याय ९  शलोक १ The Gita – Chapter 9 – Shloka 1 Shloka 1  श्रीभगवान् बोले —- तुझ दोष दृष्टि रहित भक्त्त के लिये इस परम गोपनीय विज्ञान सहित ज्ञान को पुन: भली भाँति कहूँगा, जिसको जानकर तू दुःख रूप संसार से मुक्त्त हो जायेगा ।। १ ।। Lord Krishna continued: Dear Arjuna, I shall explain

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