अध्याय ६ शलोक ४७
अध्याय ६ शलोक ४७ The Gita – Chapter 6 – Shloka 47 Shloka 47 सम्पूर्ण योगियों में भी जो श्रद्बावान् योगी मुझ में लगे हुए अन्तरात्मा से मुझको निरन्तर भजता है, वह योगी मुझे परम श्रेष्ठ मान्य है ।। ४७ ।। Of all the Yogis, the one who has complete faith in Me, whose mind is […]