अध्याय २ शलोक ४०
अध्याय २ शलोक ४० The Gita – Chapter 2 – Shloka 40 Shloka 40 इस कर्मयोग में आरम्भ का अर्थात् बीज का नाश नहीं है और उल्टा फलरूप दोष भी नहीं है, बल्कि इस कर्मयोग रूप धर्म का थोड़ा-सा भी साधन जन्म मृत्युरूप, महान् भय से रक्षा कर लेता है ।। ४० ।। When one […]