अध्याय १

अध्याय १ शलोक १२

अध्याय १ शलोक १२ The Gita – Chapter 1 – Shloka 12 Shloka 12 कोरवों में वृद् बड़े प्रतापी पितामह भीष्म ने उस दुर्योधन के ह्रदय में हर्ष उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से सिंह की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया ।। १२ ।। To bring joy to DURYODHANA’s heart, the great grandsire BHISMA, […]

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अध्याय १ शलोक ११

अध्याय १ शलोक ११ The Gita – Chapter 1 – Shloka 11 Shloka 11 इसलिये सब मोर्चों पर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आप लोग सभी नि:संदेह भीष्मपितामह की सब और से रक्षा करें ।। ११ ।। Duryodhana instructed his army: Now all of you quickly assume your proper positions for battle, your main goal

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अध्याय १ शलोक १०

अध्याय १ शलोक १० The Gita – Chapter 1 – Shloka 10 Shloka 10 भीष्मपितामह द्वारा रक्षित हमारी वह सेना सब प्रकार से अजेय है और भीमद्वारा रक्षित इन लोगों की यह सेना जीतने में सुगम है ।। १० ।। Duryodhana explained with pride to Drona: Our army, led by BHISMA, is numerous and skilled.

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अध्याय १ शलोक ९

अध्याय १ शलोक ९ The Gita – Chapter 1 – Shloka 09 Shloka 9 और भी मेरे लिये जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत से शूरवीर अनेक प्रकार के शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित और सब-के-सब युद्ध में चतुर हैं ।। ९ ।। Duryodhana further said to Drona: Yet several other heroes and great men, well-trained

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अध्याय १ शलोक ८

अध्याय १ शलोक ८ The Gita – Chapter 1 – Shloka 08 Shloka 8 आप —– द्रोणाचार्य और पितामह भीष्म तथा कर्ण और संग्रामविजयी कृपाचार्य तथा वैसे ही अश्वत्थामा, विकर्ण और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा ।। ८ ।। Your wise self, BHISMA, KARNA, KRIPA, the victorious in fight; ASVATTHAMA, VIKARNA and SAUMADATTI as well. The

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अध्याय १ शलोक ७

अध्याय १ शलोक ७ The Gita – Chapter 1 – Shloka 07 Shloka 7 हे ब्राह्मणश्रेष्ठ ! अपने पक्ष में भी जो प्रधान हैं, उनको आप समझ लीजिये । आपकी जानकारी के लिये मेरी सेना के जो-जो सेनापति हैं, उनको बतलाता हूँ ।। ७ ।। Duryodhana spoke unto his master Drona: O Best of the

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अध्याय १ शलोक ४,५,६

अध्याय १ शलोक ४,५,६ The Gita – Chapter 1 – Shloka 04-05-06 English Shloka 4 5 6 इस सेना में बड़े-बड़े धनुषोंवाले  तथा युद्ध में भीम और अर्जुन के समान शूरवीर सात्यकि और विराट तथा महारथी राजा द्रु पद धृष्टकेतु और चेकितान तथा बलवान् काशिराज, पुरुजित् कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैव्य, पराक्रमी युधामन्यु तथा

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अध्याय १ शलोक ३

अध्याय  १ शलोक ३   The Gita – Chapter 1 – Shloka 03 Shloka 3 हे आचार्य ! आपके बुद्भिमान शिष्य द्रु पदपुत्र धृष्टधुम्न द्वारा व्यूहाकार खड़ी की हुई पाण्डुपुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिए ।। ३ ।। Behold O, Master, the mighty army of the sons of PANDU, led by the son of

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अध्याय १ शलोक २

अध्याय १ शलोक २ The Gita – Chapter 1 – Shloka 02 Shloka 2 संजय बोले —– उस समय राजा दुर्योधन ने व्यूह रचनायुक्त्त पाण्डवों की सेना को देखकर और द्रोणाचार्य के पास जाकर यह वचन कहा ।। २ ।। Sanjaya explained: Now seeing that the army of the PANDAVAS was set up properly, the

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अध्याय १ शलोक १

अध्याय १ शलोक १ TheGita – Chapter 1 – Shloka 1 Shloka 1 धृतराष्ट्र बोले —– हे संजय ! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छा वाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया ? ।। १ ।। Dhrtarashtra asked of Sanjaya: O SANJAYA, what did my warrior sons and those of Pandu do when they were

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