अध्याय ११ शलोक ४५
अध्याय ११ शलोक ४५ The Gita – Chapter 11 – Shloka 45 Shloka 45 मैं पहले न देखे हुए आपके इस आश्चर्य मय रूप को देख कर हर्षित हो रहा हूँ और मेरा मन भय से अति व्याकुल भी हो रहा हैं ; इसलिये आप उस अपने चतुर्भुज विष्णु रूप को ही मुझे दिखलाइये ! […]