अध्याय १०

अध्याय १० शलोक ३२

अध्याय १० शलोक ३२ The Gita – Chapter 10 – Shloka 32 Shloka 32  हे अर्जुन !सृष्टियों का आदि और अन्त तथा मध्य भी मै ही हूँ । मैं विद्याओं में अध्यात्म विद्या अर्थात् ब्रह्मविद्या और परस्पर विवाद करने वालों का तत्व-निर्णय के लिये किया जाने वाला वाद हूँ ।। ३२ ।। I am the beginning […]

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अध्याय १० शलोक ३१

अध्याय १० शलोक ३१ The Gita – Chapter 10 – Shloka 31 Shloka 31  मैं पवित्र करने वालों में वायु और शस्त्र धारियों में श्रीराम हूँ तथा मछलियों में मगर हूँ और नदियों में श्रीभागीरथी गंगा जी हूँ ।। ३१ ।। I am the wind among things of purification, and among warriors I am Rama,

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अध्याय १० शलोक ३०

अध्याय १० शलोक ३० The Gita – Chapter 10 – Shloka 30 Shloka 30  मैं दैत्यों में प्रह्मद और गणना करने वालों का समय हूँ तथा पशुओं में मृगराज, सिंह और पक्षियों में गरुड़ हूँ ।। ३० ।। Of demons I am Prahlada their prince, and of all things I am the measure of time. Of

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अध्याय १० शलोक २९

अध्याय १० शलोक २९ The Gita – Chapter 10 – Shloka 29 Shloka 29  मैं नागों में शेषनाग और जलचरों का अधिपति वरुण देवता हूँ और पितरों में अर्यमा नामक पितर तथा शासन करने वालों में यमराज मैं हूँ ।। २९ ।। Among the snakes of mystery I am Ananta, and of those born in

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अध्याय १० शलोक २८

अध्याय १० शलोक २८ The Gita – Chapter 10 – Shloka 28 Shloka 28  मैं शस्त्रों में वज्र और गौओं में कामधेनु हूँ । शास्त्रोक्त्त रीति से संतान की उत्पति का हेतु कामदेव हूँ और सर्पों में सर्पराज वासुकि हूँ ।। २८ ।। Of weapons I am the thunderbolt, and of cows the cow of

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अध्याय १० शलोक २७

अध्याय १० शलोक २७ The Gita – Chapter 10 – Shloka 27 Shloka 27  घोड़ो में अमृत के साथ उत्पन्न होने वाला उच्चैःश्रवा नामक घोड़ा, श्रेष्ट हाथियों में ऐरावत नामक हाथी और मनुष्यों में राजा मुझको जान ।। २७ ।। I am the horse of Indra among horses; and of elephants, Indra’s elephant Airavat. Among

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अध्याय १० शलोक २६

अध्याय १० शलोक २६ The Gita – Chapter 10 – Shloka 26 Shloka 26  मैं समस्त वृक्षो में पीपल का वृक्ष, देवऋषियो में नारद, गन्धर्वों में चित्ररथ और सिद्धों में कपिल मुनि हूँ |।। २६ ।। Of trees I am the tree of life, and of heavenly seers, Narada. Among celestial musicians I am Chitra-Ratha,

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अध्याय १० शलोक २५

अध्याय १० शलोक २५ The Gita – Chapter 10 – Shloka 25 Shloka 25  मै महर्षियों में भृगु और शब्दों में एक अक्षर अर्थात् ओंकार हूँ ।  सब प्रकार से यज्ञों में जप यज्ञ और स्थिर रहने वालों में हिमालय पहाड़ हूँ ।। २५ ।। I am Bhrigu among great seers and of words I

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अध्याय १० शलोक २४

अध्याय १० शलोक २४ The Gita – Chapter 10 – Shloka 24 Shloka 24  पुरोहितों में मुखिया बृहस्पति मुझको जान । हे पार्थ ! मैं सेनापतियों में स्कन्द और जलाशयों में समुद्र हूँ ।। २४ ।। I am the divine priest, Brihaspati among the priest, and among warriers Skanda, the God of war. Of lakes I

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अध्याय १० शलोक २३

अध्याय १० शलोक २३ The Gita – Chapter 10 – Shloka 23 Shloka 23  मैं एकादश रुद्रों में शंकर हूँ और यक्ष तथा राक्षसों में धन का स्वामी कुबेर हूँ । मै आठ वसुओ में अग्नि हूँ और शिखर वाले पर्वतों में सुमेरु पर्वत हूँ ।। २३ ।। I am the God of Destruction among

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