अध्याय ३ शलोक २५
अध्याय ३ शलोक २५ The Gita – Chapter 3 – Shloka 25 Shloka 25 हे भारत ! कर्म में आसक्त्त हुए अज्ञानी जन जिस प्रकार कर्म करते हैं, आसक्त्ति रहित विद्बान् भी लोक संग्रह करना चाहता हुआ उसी प्रकार कर्म करे ।। २५ ।। The Blessed Lord said: Just as the ignorant perform actions with […]