अध्याय ७ शलोक ७
अध्याय ७ शलोक ७ The Gita – Chapter 7 – Shloka 7 Shloka 7 हे धनञ्जय ! मुझ से भिन्न दूसरा कोई भी परम कारण नहीं है । यह सम्पूर्ण जगत् सूत्र में सूत्र के मनियों के सदृश मुझ में गुंथा हुआ है ।। ७ ।। Arjuna, there is in reality absolutely nothing else but Me, I […]