अध्याय ४ शलोक ६

अध्याय ४  शलोक ६

TheGitaHindi_4_6

The Gita – Chapter 4 – Shloka 6

Shloka 6

 मैं अजन्मा और अविनाशी स्वरूप होते हुए भी तथा समस्त प्राणियों का ईश्वर होते हुए भी अपनी प्रकृति को अधीन करके अपनी योग माया से प्रकट होता हूँ ।। ६ ।।

O Arjuna, although birth and death do not exist for Me, since I am the immortal Lord, I appear on earth, by my Divine powers and ability, keeping My nature (Maya) under control.

 

The Gita in Sanskrit, Hindi, Gujarati, Marathi, Nepali and English – The Gita.net

Scroll to Top