अध्याय ३ शलोक ४२

अध्याय ३ शलोक ४२

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The Gita – Chapter 3 – Shloka 42

Shloka 4

 इन्द्रियों को स्थूल शरीर से पर यानी श्रेष्ठ, बलवान् और सूक्ष्म कहते हैं ; इन इन्द्रियों से परे मन है, मन से भी परे बुद्भि है और जो बुद्भि से भी अत्यन्त परे है, वह आत्मा है ।। ४२ ।।

O Arjuna, never understimate the senses for they are very powerful. The mind is stronger than the senses however, O Arjuna. The intellect is even stronger than one’s mind and the soul is still stronger than one’s intellect.

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