अध्याय १ शलोक ३७

अध्याय १ शलोक ३७

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The Gita – Chapter 1 – Shloka 37

Shloka 37

अतएव हे माधव ! अपने ही बान्धव धृतराष्ट्र के पुत्रों को मारने के लिये हम योग्य नहीं हैं ; क्योंकि अपने ही कुटुम्ब को मारकर हम कैसे सुखी होंगे ।। ३७ ।।

O KRISHNA, why should we kill our own loved ones and kinsmen when no happiness or good can come out of so doing?

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