अध्याय ९ शलोक ५

अध्याय ९  शलोक ५

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The Gita – Chapter 9 – Shloka 5

Shloka 5

 वे सब भूत मुझ में स्थित नहीं हैं, किंतु मेरी ईश्वरीय योग शक्त्ति को देख कि भूतों का धारण-पोषण करने वाला और भूतों को उत्पन्न करने वाला भी मेरा आत्मा वास्तव में भूतों में स्थित नहीं है ।। ५ ।।

O Arjuna, you must also understand that all the beings in this universe are not within Me.

Behold the effects of My Yoga (spiritual power), though I sustain and create all beings, in reality, My Self dwells not in these beings.

 

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