अध्याय ७ शलोक १३
The Gita – Chapter 7 – Shloka 13
Shloka 13
गुणों के कार्य रूप सात्त्विक, राजस और तामस —- इन तीनों प्रकार के भावों से यह सारा संसार—-प्राणि- समुदाय मोहित हो रहा है, इसीलिये इन तीनों गुणों से परे मुझ अविनाशी को नहीं जानता ।। १३ ।।
The whole universe, o Son of Kunti, is deluded by the Sattvik, Rajasik, and Tamasik Gunas (Components or Parts of nature). However,the truth is that I, the Supreme, Imperishable God, am above all of these Gunas.
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