अध्याय ४ शलोक ९
The Gita – Chapter 4 – Shloka 9
Shloka 9
हे अर्जुन ! मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात् निर्मल और अलौकिक हैं —- इस प्रकार जो मनुष्य तत्त्व से जान लेता है, वह शरीर को त्याग कर फिर जन्म को प्राप्त नहीं होता, किंतु मुझे ही प्राप्त होता है ।। ९ ।।
O Arjuna, I was born divinely, all my action (Karma) are divine. The one who knows and understands this fully in reality, is not born again after leaving the body. He comes to me in Heaven for eternity.
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