अध्याय ४ शलोक १६

अध्याय ४  शलोक १६

TheGitaHindi_4_16

The Gita – Chapter 4 – Shloka 16

Shloka 16

 कर्म क्या है ? और अकर्म क्या है ? — इस प्रकार इसका निर्णय करने में बुद्भिमान् पुरुष भी मोहित हो जाते हैं । इसलिये वह कर्म तत्त्व मैं तुझे भली भाँति समझा कर कहूँगा, जिसे जान कर तू अशुभ से अर्थात् कर्म बन्धन से मुक्त्त हो जायगा ।। १६ ।।

Even the wise men are confused about Karma (action) and Akarma (inaction). I shall now explain to you the truth about Karma. Knowing the truth, O Arjuna, you will be released from the bondage of Karma.

 

The Gita in Sanskrit, Hindi, Gujarati, Marathi, Nepali and English – The Gita.net

Scroll to Top