अध्याय ३ शलोक १४,१५
The Gita – Chapter 3 – Shloka 14,15
Shloka 14,15
सम्पूर्ण प्राणी अन्न से उत्पन्न होते हैं, अन्न की उत्पत्ति वृष्टि से होती है, वृष्टि यज्ञ से होती है, और यज्ञ विहित कर्मों से उत्पन्न होने वाला है । कर्म समुदाय को तू वेद से उत्पन्न और वेद को अविनाशी परमात्मा से उत्पन्न हुआ जान । इससे सिद्भ होता है की सर्व व्यापी परम अक्षर परमात्मा सदा ही यज्ञ में प्रतिष्ठित है ।। १४ – १५ ।।
Food allows people to live. Food is produced from rain. Rain arises from sacrifice. Actions produce sacrifice or Yagna.
God produces knowledge. Knowledge produces actions. Actions produce sacrifice or Yagya.
Where there is sacrifice, the omnipresent God is there also.
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