अध्याय १८ शलोक ६५
The Gita – Chapter 18 – Shloka 65
Shloka 65
हे अर्जुन ! तू मुझ में मन वाला हो, मेरा भक्त्त बन, मेरा पूजन करने वाला हो और मुझको प्रणाम कर । ऐसा करने से तू मुझे ही प्राप्त होगा, यह मैं तुझ से सत्य प्रतिज्ञा करता हूँ ; क्योंकि तू मेरा अत्यन्त प्रिय है ।। ६५ ।।
Devote your heart, mind, religious sacrifices and prayers to Me for eternity O Partha, and you shall, without fail, become a part of Me forever. This is My promise to you, My devotee.
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