अध्याय १२ शलोक १

अध्याय १२ शलोक १

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The Gita – Chapter 12 – Shloka 1

Shloka 1

 अर्जुन बोले ——-जो अनन्य प्रेमी भक्त्त जन पुर्वोक्त्त प्रकार से निरन्तर आपके भजन ध्यान में लगे रहकर आप सगुण रूप परमेश्वर को और दूसरे जो केवल अविनाशी सच्चिदानन्दघन निराकार ब्रह्मा को ही अति श्रेष्ट भाव से भजते हैं ——उन दोनों प्रकार के उपासकों में अति उत्तम योगवेत्ता कौन हैं ? ।। १ ।।

Arjuna asked:
Those devotees who worship you as the one without attributes (formless) and those who worship you as the one with attributes (with form); which of these are better versed in Yoga?

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